22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है, लेकिन राम मंदिर से जुड़े क्या आप सभी तथ्यों को जानते है? अगर नहीं तो चलिए जानते है अयोध्या राम मंदिर से जुड़े सभी तथ्य।

राम मंदिर के निर्माण में किसी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है, राम मंदिर के कंस्ट्रक्शन सुपरवाइजर अनु भाई सोमपुरा ने खुद घोषणा की थी की राम मंदिर में कहीं पर भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, लोहे की जगह तांबा, सफेद सीमेंट और लकड़ी जैसे तत्वों का इस्तेमाल किया जाएगा।

ना लोहा, ना स्टील

राम मंदिर के नींव में 2587 क्षेत्रों से आने वाली पवित्र मिट्टी का उपयोग करके बनाया गया है। उदाहरण के लिए, झाँसी, बिठूर, यमुनोत्री, हल्दीघाटी, चित्तौड़गढ़, शिवाजी किला, स्वर्ण मंदिर और कई अन्य पवित्र स्थान की मिट्टी ने इसकी नींव में अपना  योगदान दिया हैं।

पवित्र मिट्टी

16 जनवरी 2024 को श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 108  फीट की लंबी अगरबत्ती जलाई गई थी, बीगा भाई बड़वाड़ जिन्होंने गुजरात में इस अगरबत्ती को बनाया था उनका दावा था कि इस अगरबत्ती से पूरी अयोध्या भक्ति की खुशबू से महकेगी, और महकी भी|

108 फीट लंबी अगरबत्ती

वड़ोदरा के राम भक्तों ने 1100 किलो का एक बहुत ही विशाल पंच धातु युक्त दिया बनाया है जो कि 9 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा है, जिसमें 851 किलो तक घी डाला जा सकता है यह दिया जब 22 जनवरी को प्रज्वलित होगा तब यह राम मंदिर की शोभा को और बढ़ाएगा।

श्री राम दीप

राम मंदिर में 613 किलो का विशाल घंटा लगाया जाएगा, जिसकी ऊंचाई 4 फीट की है, और इसकी ध्वनि 10 किलोमीटर तक गूंजेगी, और इस घंटे के निर्माणकर्ताओं का ये कहना है कि जब भी ये घंटा बजेगा तब तब इसमें ॐ की ध्वनि निकलेगी।

613 किलो का घंटा

राम मंदिर की शोभा को बढ़ाने के लिए जटायु जी की मूर्ति को भी अयोध्या में राम मंदिर के पास कुबेर टीला पर स्थापित किया गया है, इसके अलावा राम मंदिर के द्वार पर हाथी, सिंह, गरुड़ और हनुमान जी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

जटायु प्रतिमा

जलेसर, उत्तर प्रदेश के राम भक्तो ने 2100 किलो का बहुत विशाल घंटा बनाया है, जिसकी ऊंचाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट है, ये घंटा राम मंदिर के बाहरी द्वार पर लगाया गया है, जो राम मंदिर की शोभा को और बढ़ा रहा है।

2100 किलो का घंटा

अयोध्या में भगवान श्री राम के प्रांत प्रतिष्ठा में नेपाल की नदियों से जल लाया गया है, जिससे श्री राम का जल अभिषेक होगा, भगवान राम के अभिषेक के लिए नेपाल से लगभग 16 नदियों का जल लाया गया है,  इन नदियों में नेपाल के कालीगंडकी, बागमती ,नारायणी, त्रिशूली जैसी और भी नदियां शामिल है।

जल अभिषेक के लिए जल

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